उड़ान योजना के तहत 190 करोड़ रुपये की स्वीकृति

बिहार में हवाई अड्डों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत 190 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल के बाद राज्य सरकार ने भी इन हवाई अड्डों के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।

उड़ान योजना के तहत 190 करोड़ रुपये की स्वीकृति

राज्य के पूर्णिया, बाल्किमीनगर, मुजफ्फरपुर समेत सात शहरों तक हवाई मार्ग से पहुंचना अब आसान होगा। उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत केंद्र सरकार ने बिहार के बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बाल्मिकी नगर, मधुबनी और पूर्णिया शहरों में हवाई अड्डों को विकसित करने के लिए 190 करोड़ रुपये की आवंटित किए हैं। नागरिक उड्डन मंत्रालय की 15वीं परियोजना मूल्यांकन समिति (पीईसी) की बैठक में उड़ान के अंतर्गत हवाई अड्डों के विकास के लिए पूंजीगत व्यय की समीक्षा की। नई दिल्ली के राजीव गांधी भवन में नागरिक उड्डयन सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया।मुख्यमंत्री ने की इसके लिए खास पहल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नागर विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 4 सितंबर 2024 को मुख्य सचिव और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ बैठक की थी। फिर 13 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री ने पटना हवाई अड्डे के नए टर्मिनल और बिहटा सिविल इन्कलेव का निरीक्षण किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इन हवाई अड्डों के विकास के लिए राज्य सरकार का पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया था।छोटे विमानों का परिचालन होगा इन सात स्थानों से

बिहार सरकार के अनुरोध पर राज्य में छोटे विमानों (20 सीट तक वाले विमान) की उड़ानों के संचालन के लिए इन सात हवाई अड्डों का चयन किया गया है। इसके मद्देनजर इनके विकास के लिए यह राशि केंद्र सरकार के स्तर से जारी की गई है। इन हवाईअड्डों का विकास भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (भाविप्र) के स्तर से किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार भाविप्र के साथ समझौता (एमओयू) करेगी। बाल्मिकी नगर पहुंचना होगा आसान

बाल्मिकी नगर में बिहार का टाइगर रिजर्व स्थित है। यहां हाल के वर्षों में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है। हवाई अड्डा का विकास होने से यहां पर्यटक कम समय में पहुंच सकेंगे। आवाजाही बेहद आसान होने से पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है।विमानन संरचना में होगी बढ़ोतरी

उड़ान योजना से राज्य सरकार के स्वामित्व वाले हवाईअड्डों के विकास से राज्य में नागर विमानन संरचना में बढ़ोतरी होगी। राज्य में बाढ़ समेत अन्य आपदा की स्थिति में बड़ी संख्या में हवाईअड्डों के माध्यम से आपदा राहत के कार्य किए जाते हैं।उड़ान योजना का उदेश्य

उड़ान योजना का उदेश्य छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे हवाई यात्रा सुलभ और किफायती हो सके। इसके अंतर्गत हवाई अड्डों के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। बेहतर हवाई संपर्क से पर्यटन स्थलों की पहुंच में सुधार होता है, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को लाभ होता है। हवाई यात्रा से यात्रियों के समय में बचत होगी। इससे व्यापार भी सुविधाजनक होगा। दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर सामाजिक समावेश को बढ़ावा दिया जाता है। बिहार में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में हो रहे विकास से राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी। उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों के विकास से न सिर्फ हवाई यात्रा सुलभ होगी, बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बाल्मिकीनगर एवं मधुबनी के लिए 25-25 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जबकि पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 40 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।