सूबे में कानून व्यवस्था खराब होने का आरोप लगाकर विपक्ष ने बुधवार को विधानसभा में सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। वेल में आकर शोरशराबा किया और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन विपक्षी सदस्य मानने को तैयार ही नहीं थे। इस दौरान माले विधायक दल के नेता महबूब आलम हाथों में पोस्टर लेकर आसन के सामने पहुंच गए। सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल उन्हें बीच में ही रोक दिया और उनकी हाथों से पोस्टर छीन लिया। अध्यक्ष ने इस पर नाराजगी भी प्रकट की। उधर, कुछ और सदस्य पोस्टर लहराने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की सक्रियता से वे सफल नहीं हो सके। इस दौरान वे रिपोर्टर टेबल के निकट खड़े होकर लगातार नारेबाजी करते रहे। कुछ देर तक वेल में नारेबाजी करने के बाद विपक्षी सदस्य सदन का बहिर्गमन करते हुए बाहर चले गए।सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले विपक्षी विधायकों ने विधानसभा के पोर्टिको में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नारेबाजी की और बैनर-पोस्टर लहराए। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद वे सदन में शांत रहे। उन्होंने पूरा प्रश्नकाल भी चलने दिया। इस दौरान सदन के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे, लेकिन प्रश्नकाल खत्म होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष द्वारा लाया गया कार्यस्थगन प्रस्ताव खारिज होने की जैसे ही जानकारी दी, वे अपनी-अपनी सीटों से खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। उनको उग्र देखकर अध्यक्ष ने उन्हें कार्यस्थगन प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दे दी। हालांकि प्रस्ताव पढ़ने के बाद भी वे हंगामा करते रहे। इस पर अध्यक्ष नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि उनकी बात सुन ली गयी है और वे अब शांतिपूर्वक सदन चलने दें। इसके साथ ही उन्होंने शून्यकाल शुरू कर दिया। इसके बाद आक्रोशित विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि वेल में खड़े होकर कही हुई उनकी किसी बात का नोटिस नहीं लिया जाएगा और न ही उसे सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनाया जाएगा। बावजूद विपक्षी सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे और उधर सदन में प्रश्नकाल जारी रहा। थोड़ी और देर तक नारेबाजी करने के बाद विपक्षी सदस्य सदन का बहिर्गमन (वाकआउट) कर गए।